मीटर सेतु एक उपकरण है जिसका उपयोग किसी अज्ञात प्रतिरोध के मान को ज्ञात करने के लिए किया जाता है। यह व्हीटस्टोन सेतु के सिद्धांत पर काम करता है। मीटर सेतु का चित्र इस प्रकार है:
मीटर सेतु में निम्नलिखित भाग होते हैं:
- तार: यह एक समान मोटाई का तार होता है जिसकी लंबाई 100 सेमी होती है। तार का प्रतिरोध प्रति इकाई लंबाई में समान होता है।
- मीटर: यह एक ज्ञात प्रतिरोध होता है।
- जॉकी: यह एक स्लाइडिंग संपर्क होता है जिसका उपयोग तार पर विभिन्न बिंदुओं के बीच प्रतिरोध को मापने के लिए किया जाता है।
- गैल्वेनोमीटर: यह एक उपकरण है जिसका उपयोग विद्युत धारा की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- बैटरी: यह एक विद्युत धारा स्रोत है।
मीटर सेतु का उपयोग करके किसी अज्ञात प्रतिरोध के मान को ज्ञात करने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है:
- मीटर सेतु को चित्रानुसार व्यवस्थित करें।
- बैटरी को बंद करें।
- जॉकी को तार के उस बिंदु पर ले जाएं जहां गैल्वेनोमीटर में कोई विक्षेपण न हो।
- इस बिंदु पर, पुल संतुलन में होता है।
- संतुलन की स्थिति में, निम्नलिखित समीकरण लागू होता है:
R_x/R_m = l_x/l_m
जहां:
- R_x अज्ञात प्रतिरोध है।
- R_m ज्ञात प्रतिरोध है।
- l_x जॉकी की तार से दूरी है।
- l_m तार की कुल लंबाई है।
- उपरोक्त समीकरण का उपयोग करके, अज्ञात प्रतिरोध के मान को ज्ञात किया जा सकता है।
मीटर सेतु का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जाता है, जैसे कि:
- प्रतिरोधों का मापन
- तारों की प्रतिरोधकता का मापन
- तापमान के साथ प्रतिरोध की भिन्नता का अध्ययन
“मीटर सेतु” नामक सिद्धांत जब दो या दो से अधिक प्राणियों की आत्मा के बीच योग मना जाता है। यह सिद्धांत भारतीय धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथों में प्राचीन काल से प्रमुख रूप से प्रचलित है। इसे आत्म-आत्मा संबंध, आत्म-आत्मा मिलन, आत्म-परमात्मा सम्बंध या यौगिक सम्बंध के रूप में भी जाना जाता है।
“मीटर सेतु” का चित्र तार्किक दृष्टिकोण से किसी व्यक्ति या सम्प्रेषण के बीच वह सम्बंध को दर्शाता है जो आत्मा और परमात्मा के बीच स्थापित होता है। यह चित्र आध्यात्मिक अर्थों में आत्म-ज्ञान और आत्म-समर्पण की प्रक्रिया को समझाने के लिए प्रयुक्त होता है।
मीटर सेतु एक उपयोगी उपकरण है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के विद्युत मापों के लिए किया जा सकता है।